भारतवर्ष में सन 1927 में रॉयल कमीशन- कृषि की सिफारिश पर 1939 में “पोल्ट्री रिसर्च सेक्शन” की स्थापना IVRI इज्जतनगर (बरेली) में की गई। प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) में “पोल्ट्री पॉयलट प्रोजेक्ट- उड़ीसा” लांच किया गया, जिसको द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61) में“आल इंडिया पोल्ट्री डवलप्मेंट प्रोग्राम” में तब्दील कर देश में आधुनिक कमर्शिअल पोल्ट्री फार्मिंग की नींव रखकर पंचवर्षीय योजनाओं के अंतर्गत पोल्ट्री विकास के लिए शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार के लिए क्रांतिकारी प्रयास जारी रहे ।
पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत ही ब्रॉयलर उत्तम नस्ल विकास के लिए अमेरिका से 1974 में “कोब-स्ट्रेन” आयात किया गया एवं प्राइवेट सेक्टर को भी 1980 में ब्रॉयलर प्रजनन के लिए मौका दिया । भारतीय पोल्ट्री के पिता व पद्मश्री स्वर्गीय डॉ. बी.वी.रॉव साहब ने पोल्ट्री फार्मर्स (ब्रॉयलर) के हितों की रक्षा के लिए आधार फार्मूला :- “चिक्स (बीज) का मूल्य = 1/3 भाग ब्रॉयलर (फसल) मूल्य” होना तय किया। फलस्वरूप पोल्ट्री फार्मर नेउद्योग को रीढ़ जैसी मजबूती, कृषि क्षेत्र उद्योगों में सबसे अधिक वृद्धिदर (10 - 12 %), कृषि जी.डी.पी. में 1.0 लाख करोड़ से अधिक वार्षिक सहयोगऔर 50 लाख से अधिक लोगों के लिए 365 दिन रोजगार उत्पन कर रहा है ।
भारतीय पोल्ट्री उद्योग का सम्मानजनक स्वरूप में पहुंचने, ब्रॉयलर व्यवसाय का उद्योग में 65-70% हिस्सेदारी होने, कॉर्पोरेट्स द्वाराव्यवसाय का अधिकतम हिस्सा अपने कब्जे में लाने की लालसा, केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा पोल्ट्री उत्पाद की उत्पादन लागात व बिक्री मूल्य निर्धारण नीतियों/नियंत्रण का आभाव होने, केंद्र सरकार द्वारा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को पोषित व बढ़ावा देने एवं ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्मर्स का असंगठित होने इत्यादि कारणों/अवसर का लाभ लेकर विगत 3 वर्षो में नस्लों के प्रोमोटर्स/ ग्रांड पेरेंट ब्रीडर्स, कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग कॉर्पोरेट्स, ब्रीडर्सएसोसिएशनस एवं ब्रीडर्स ने मिलकर कार्टेल बनाया । कार्टेल, एक तरफ चिक्स के आधार फार्मूला को ताक में रख उच्च दरों में चिक्स/हेचिंग अंडा बेचकर आर्थिक लूट मचा रहे है, वहीं दूसरी तरफ फार्मर की लागत से कम दामों पर ब्रायलर बेचकर प्राइसवार से फार्मर्स की कमर तोड रहे है |“कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग” के नाम पर सरकार व नीति निर्धारकों की आँखों में धूल झोंककर, कार्टेल स्वतंत्र पोल्ट्री फार्मर्स को बर्बाद एवं ब्रॉयलर फार्मिंगको सीमित हाथों में समा ज़ाने को धकेल रहे है ।
नजदीकी भविष्य में भारतीय पोल्ट्री उद्योग को अमेरिकन पोल्ट्री उद्योग जैसे इन्टीग्रेटेड मोनोपोली स्वरूप में ले जाना कार्टेल वर्चस्वों का छिपा मकसद हो सकता है। ब्रॉयलर फार्मिंग की कमान सीमित हाथों में जाएगी तभी कॉन्ट्रेक्ट ग्रोवर से गला दबाकर उत्पादन लेना, कच्चा माल,इक्यूपमेंट, दवा निर्माता इत्यादि से गला दबाकर ख़रीद करना और स्टेक होल्डर्स व चिकन उपभोक्ताओं से मनमाफिक मुनाफा लेना सम्भव हो सकता है। अमेरिका जैसे विकसित देश में सिर्फ चार कम्पनियों द्वारा पोल्ट्री एवं मीट इंडस्ट्री पर 85% कब्जा है । अधिक जानकारी दिए गए लिंक से हासिलकरें। http://finance.yahoo.com/blogs/daily-ticker/how-four-companies-control-the-supply-and-price-of-beef--pork-and-chicken-in-the-u-s-eat-prices-224406080.html
पोल्ट्री फार्मर्स को व्यवसाय में संरक्षित करने, फार्मर्स एवं व्यवसाय की समस्याओं को केंद्र सरकार व राज्य सरकारों तक पहुँचाने,समस्याओं के उचित निराकरण, हितकारी नीति निर्धारण, दिए गए अन्य उद्देश्यों की प्राप्ति एवं जरूरत पड़ने पर उच्च व सर्वोच्य न्यायालय तक पहुँचने के लिए तन-मन-धन से सहयोग करना एवं संगठित होना अत्यंत आवश्यक है। इस फेडरेशन के उद्देश्यों, नियमावली एवं पोल्ट्री व्यवसाय से सम्बंधित अन्य विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाइट www.poultryfarmersindia.com पर जाएं या ई-मेल info@poultryfarmersindia.com अथवा दिए गए नंबर पर संपर्क करें। आपके सामने आ रही पोल्ट्री फार्मिंग(ब्रॉयलर) व उद्योग सम्बन्धी जायज़ समस्याओं को भी हम तक पंहुचा सकते हैं।
अतः ब्रॉयलर फार्मर्स की आवाज बुलंद करने एवं सुनहरे भविष्य के लिए सम्पूर्ण भारतवर्ष के समस्त पोल्ट्री फार्मर्स (ब्रॉयलर/लेयर), लोकल इंटिग्रेटर्स, व्यवसाईयों (निर्माता / विक्रेता- मुर्गीदाना, चूजा, दवाई, वैक्सीन इक्यूपमेंट इत्यादि), ब्रॉयलर होलसेलर/रिटेलर,कर्मचारियों, कन्सलटेंट/वैज्ञानिक, मीडिया/पब्लिकेशन, संघ/फेडरेशन/एसोसिएशन/कोऑपरेटिव/ ट्रस्ट/सोसाइटी/संस्थान व कम्पनीज़इत्यादि जो पोल्ट्री से सम्बंधित हो और पोल्ट्री फार्मर्स, व्यवसाय हित एवं पोल्ट्री फार्मेर्स (ब्रॉयलर) वेलफेयर फेडरेशन के नियमों का पालन तथा उद्देश्यों में आस्था रखतें हो वो फेडरेशन की सदस्य्ता ग्रहण क़र संगठित एवं फेडरेशन को मजबूत, उपयोगी बनाने के लिए आपसे सहयोग करने की अपील की जाती है।
अपीलकर्ता व आशान्वित :
संस्थापक सदस्य एवं प्रबंधन कमेटी
पोल्ट्री फार्मर्स ब्रॉयलर्स वेलफेयर फेडरेशन
(सम्पूर्ण भारत ऑपरेशन)
रजिस्टर्ड ऑफिस: प्लॉट नं.208 आनंदपुरी
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