पोल्ट्री फार्मर्स (ब्रॉयलर) वेलफेयर फेडरेशन – किसान की आवाज़


इस वेबसाइट का मूल उद्देश्य पोल्ट्री फार्मर्स की समस्या का समाधान करने के लिए एक ऐसा मंच तैयार करना है जहां पोल्ट्री फार्मर्स को अपने व्यवसाय से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी मिल सके और सरकारी योजनाओं का वह पूरा फ़ायदा उठा सकें। इसके ज़रिए इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों में एकता बने व हम सभी साथ मिलकर मौजूदा समय में हो रहे शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठा सके और अपने लिए सुनहरा भविष्य बना सकें। इसके साथ हम यह भी चाहेंगे कि नया उद्योग शुरू करने का विचार मन में लिए युवा वर्ग की रूचि इस क्षेत्र में बढ़े ताकि हम सब मिलकर कृषि प्रधान भारत के आर्थिक व औद्योगिक विकास में अपना सहयोग दे सकें।

हमारा उद्देश्य :

1. भारतीय पोल्ट्री उद्योग (ब्रॉयलर) में जारी शोषण से विलुप्त हो रहे स्वतंत्र पोल्ट्री फार्मर्स (ब्रॉयलर) के अस्तित्व को संरक्षित कर उनके उत्थान एवं आर्थिक विकास हेतु प्रयास करना ।
2. सम्पूर्ण भारत में पोल्ट्री फारमर्स समाज को संगठित एवं पोल्ट्री किसान कि आवाज़ बनना ।
3. पोल्ट्री फार्मर्स व उद्योग में आ रही समस्याओं के समाधान हेतु केंद्र सरकार, राज्य सरकारों एवं प्रशासन से सामंजस्य स्थापित कर हितकारी नीतियाँ निर्धारण कर पोल्ट्री फार्मर्स व उद्योग को बढ़ावा देना ।
4. केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही पोल्ट्री फार्मर्स हित सम्बंधी कृषि व पोल्ट्री नीतियों/योजनाओं के दिशा निर्देश से पोल्ट्री फार्मर्स को अवगत और सम्पूर्ण लाभ उठाने में मदद करना।
5. केंद्र सरकार, राज्य सरकारों एवं प्रशासन द्वारा पोल्ट्री फार्मर्स के हित में जारी लेकिन लंबित पड़े शासनादेशों को लाभान्वितों तक पहुँचने में आ रही व्यहारिक अड़चनों को समाप्त क़रने हेतु प्रयास करना।
6. पोल्ट्री फार्मर्स के द्वारा स्वस्थ, पोष्टिक, गुणवत्तायुक्त उत्पाद (चिकन) उचित मूल्य पर उपभोगताओं तक पहुँचवाना ।
7. पोल्ट्री किसानों एवं व्यवसाईयों के लिये व्यावहारिक व वैध मांस नियमावली के निर्धारण एवं उसके पालन हेतु प्रयास करना ।
8. पोल्ट्री फार्मर्स व व्यवसाईयों को वैध रूप से व्यवसाय करने के लिए लाइसेंस, टैक्स इत्यादि के बारे में जागरुकता, मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन देना ।
9. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों, छोटी जोत व खाली समय खेती किसानों का पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय की ओर रुझान बढ़ाकर रोज़गार के अवसर प्रदान करना एवं अतिरिक्त आय का ज़रिया बनाना।
10. मुर्गीपालन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना व उन्हें सहभागिता प्रदान करके सशक्त करना ।
11. पोल्ट्री फार्मर्स को उत्तम मैनेजमेंट, आधुनिकतम तकनीक से कम लागत में गुणवत्ता उत्पादन बढाने को प्रोत्साहित करना एवं ज़रुरत के अनुसार ट्रेनिंग, शिविर व तकनीकी सेमीनार आयोजित करना ।
12. पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाकर पोल्ट्री व्यवसाय को सुचारु रूप से चलाना ।
13. दुर्घटनाओं एवं दैवीय आपदाओं के समय सहायता तथा ऐसी परिस्थितियों में उन्हें कारोबार करने हेतु सुरक्षा उपलब्ध कराना ।