राजस्थान भरतपुर के छोटे से कस्बे कामां में जन्मे श्री कमल किशोर अरोड़ा ने विज्ञान में स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की । वर्ष 1995 में जिला पशुपालन विभाग से पोल्ट्री की ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद 1997 में 1600 पक्षियों से ब्रायलर फार्मिंग में कदम रखा । कामां ग्रामीण इलाका एवं बडे शहरों से दूर होने के कारण इनके सामने फीड, चिक्स, दवाई, वैक्सीन, टेक्निकल सर्विस एवं ब्रायलर बिक्री करना एक बड़ा चैलेंज खड़ा हो गया। इन्होंने इस चैलेंज को अवसर बनाकर सतत प्रयास एवं लगन से अपने आप को पूर्ण रूप से लक्ष्य प्राप्ति के लिए व्यवसाय में झोंक दिया ।
इन्होंने उत्पादन की सभी जरुरतों (फीड, चिक्स, ब्रायलर ट्रेडिंग, वैक्सीन, टेक्निकल ज्ञान इत्यादि) को एक छत के नीचे लाकर उत्पादन बढ़ाया एवं अपना पोल्ट्री उत्पाद अपने खर्च पर नज़दीकी शहरों में पहुँचाना शुरू कर दिया। इनका व्यापार नज़दीकी हरियाणा, उत्तरप्रदेश इत्यादि राज्यों में भी तेज़ी से बढ़ने लगा। वर्ष 2016 में फीड मिल लगाकर फीड निर्माण एवं इंटिग्रेशन मॉडल से भी फार्मिंग करने की शुरुआत की।
आज 2 लाख ब्रायलर फ्लॉक से अधिक की स्वतंत्र फार्मिंग एवं 1 लाख से अधिक की इंटीग्रेशन फ़ार्मिंग कर रहे है। वर्ष 2017 में श्री अरोड़ा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई मीट बन्दी के विरुद्ध आंदोलन के लिए बने मंच "उत्तरप्रदेश पोल्ट्री परिवार" में संरक्षक के रूप में सक्रिय रहे।