2008 में 12000 ब्रॉयलर से फार्मिंग शुरू करने वाले असलम ज़ैदी आज अपने व्यवसाय की क्षमता 60,000 पक्षी तक पहुचाने में सफल रहे हैं। भविष्य में क्षमता को 1 लाख 20 हजार पक्षी एवं उपभोक्ताओं को फार्म-फ्रेश पोल्ट्री उत्पाद पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किए हैं | इन्होंने पोल्ट्री एवं पॉल्ट्री किसानों से सम्बंधित हितकारी कार्यों में हमेशा स्तम्भ, अग्रणी एवं सक्रिय भूमिका निभाई है।
22 मार्च 2017 को उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पशुओं की अवैध वधशालाओं को बन्द करने का शासनादेश जारी हुआ था। जारी किये शासनादेश में स्पष्ठता नहीं होने से पोल्ट्री व्यवसाय पर छाए अंधेरे को मिटाने के लिए श्री ज़ैदी ने पोल्ट्री साथियों के साथ मिलकर "उत्तरप्रदेश पॉल्ट्री परिवार" नाम से मंच तैयार कर उत्तरप्रदेश सरकार, प्रशासन एवं सम्बंधित विभागों को पोल्ट्री उद्योग पर पड़े बुरे प्रभाव को शांतिपूर्ण तरीकों से अवगत कराने का प्रयास किया।
और FSSAI के पोल्ट्री व्यवसाय विरोधी एवं अव्यवहारिक नियमों के खिलाफ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर कानूनी मान्यता के लिए संघर्ष को जारी रखे हुए हैं। ज़ैदी साहब मौजूदा वक़्त में उत्तरप्रदेश पोल्ट्री परिवार, मुर्गा उत्पादक सहकारी समिति के अध्यक्ष होने के साथ-साथ अवध पोल्ट्री ऑनर्स एसोसिएशन के संरक्षक भी हैं।
ज़ैदी साहब पोल्ट्री के क्षेत्र में कार्यरत होने के साथ ही लगभग 3 दशकों से राजनीति में सेवा कर रहे हैं।
- अध्यक्ष, लखनऊ, बहुजन समाजवादी पार्टी (1990-1994)
- मेयर प्रत्याशी (बी.एस.पी.), लखनऊ नगर निगम (1995)
- राष्ट्रीय महासचिव, नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी (1995)
- प्रदेश महासचिव, राष्ट्रीय लोकदल (2000-2005)
- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, पीस पार्टी (वर्तमान में)