औद्योगिक नगरी कानपुर में जन्मे हाजी जावेद अहमद सिद्दीकी, कानपुर पोल्ट्री जगत में मसीहा के रूप में अपनी पहचान रखते है। बचपन से ही पिता द्वारा 1960 में स्थापित ब्रायलर ट्रेडिंग फर्म "जहूर अहमद एंड संस" में हाथ बंटाते आये हैं। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद हाजी जावेद जी ने 14 अक्टूबर 1990 को कानपुर मुर्गा मंडी में 25 रुपये प्रति किलो भाव से पहलीबार वजन कर मुर्गा बिक्री करने की नींव रखी। इन्होंने 1992 में चिक्स, फीड बिक्री एवं 30000 ब्रायलर निजी फार्म शुरू कर मुर्गीपालन को और तेज़ी से बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ाए। वर्ष 2001 में कानपुर पोल्ट्री ट्रेडर्स एसोसिएशन का गठन हुआ तब से लेकर अभी तक हाजी जावेद जी अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी बखूबी संभाले हुए है। 22 मार्च 2017 को उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पशुओं की अवैध वधशालाओं को बन्द करने का शासनादेश जारी हुआ था। जारी शासनादेश में स्पष्ठता नहीं होने से पोल्ट्री व्यवसाय पर छाए अंधेरे को मिटाने के लिए पोल्ट्री साथियों के साथ मिलकर उत्तरप्रदेश सरकार, प्रशासन एवं सम्बंधित विभागों को पोल्ट्री उद्योग पर पड़े बुरे प्रभाव को शांतिपूर्ण तरीकों से संरक्षित करने का प्रयास किया। इसके साथ ही 2017 में गठित उत्तरप्रदेश पोल्ट्री परिवार, यूपी में संरक्षक की भूमिका में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं ।